Friday, January 4, 2008

और कितनी लड़ाई लड़नी होगी चौरेंगा वाशियों को

आज से ४साल् पहले शायद आप ने सुना, पड़ा या देखा होगा की सिमगा जनपद में आने वाले चौरेंगा नामक ग्राम ने अपनी एकता को जीत दिला कर स्पंज आयरन की फक्ट्री को बंद कराने में सफलता अर्जित की थी ।परन्तु इस विवाद को ले कर उन्हें खून के आंशु रोना पड़ा था उन्हें अपने ही ग्राम के एक युवा नरेन्द्र वर्मा को खोना पड़ा था ।सारा ग्राम आज भी यही कहता है की हमारा जीवन उद्योगपतियों की चालबाजी का शिकार हो गया ।आज भी कम से कम एक दर्जन से भी अधिक लोग जेल की सलाखों के पीछे बंद है ।और सारा ग्राम उसी अँधेरी रात को याद करता है जिस रात ग्राम के ही बहुत से लोगो ने आक्रोश वश नरेन्द्र और शेट्टी की लाठी से मार कर हत्या कर दी. दरअसल नरेन्द्र ने उस दिन शराब के नसे में कुछ उत्पात मचाया था उस गाँव में .ऐसा बताया जाता है की जब गाँव वालों और उद्योग पतियों के बीच विवाद चल रहा था तब उद्योग पतियों द्वारा गाँव वालों को डराने के मकसद से नरेन्द्र को अपनी तरफ मिला कर गाँव में जबरन बदमाशी करा कर वहाँ के माहोल को ganda करने का प्रयास चल रहा था .आइए अब संछिप्त में इस सारे घटनाक्रम को जाने चौरेंगा गांव में रायपुर शहर के एक उद्योगपति ने अपनी फैक्ट्री बनायीं उस फैक्ट्री का काम पूरा होने के बाद गाँव वालों ने प्रदुषण के डर से अपना विरोध दर्ज किया .चूँकि फैक्ट्री बन चुकी थी मालिक का कहना था की आप लोगों ने पहले विरोध की सूचना क्यों नहीं दी .विवाद यहीं से प्रारम्भ हुआ .फैक्ट्री के मालिक को भी अपनी लगायी हुयी पूँजी से प्यार था .परन्तु गाँव वालों की लगातार विरोध और एकता के सामने मालिक को अंतत: अपनी जिद छोड़नी पड़ी. इस सारे मामले को देखें तो उस मालिक ने भी पूरा प्रयास किया की फैट्री चालू हो जाये और इसी विवाद ने नरेद्र वर्मा और दीपक शेट्टी की जान ले ली .जिसके बाद माहौल शांत हो गया .और इस सारे मामले में कई गाँव वालों को अपना जीवन जेल की सलाखों के पीछे आज भी गुजरना पड़ रहा है .आज जब ४ साल बीत चुके हैं तब उस फैट्री को एक नए मालिक ने खरीद कर उसमे कम चालू करवा दिया है .नए मालिक का कहना hai ki उसके पास हाई कोर्ट की अनुमति है .परन्तु आज भी उन गांव वालों की हिम्मत टूटी नहीं है वे आज भी एक हो कर नए मालिक से मुकाबला करने को तैयार खडे है .

3 comments:

36solutions said...

दमदार प्रस्‍तुति, प्रयास जारी रहे ।

संजीव तिवारी

राजेश अग्रवाल said...

संजीव जी, सराहे जाने के लिए आभारी हूं. चौरेंगा में हुए आंदोलन पर रिपोर्ट की मुझे प्रतीक्षा थी. क्या आपकी रिपोर्ट मैं विशेष रपट के रूप में ले सकता हूं.
मुझे मेल पर बताएं
सादर.
राजेश

Unknown said...

hiii bhiaya this is nikhil tamboli. i m feeling very happy & proud for this site which is directly coonect to outside people of simga . addd more information abt simga .

thanks

* आपका स्‍वागत है, कृपया मुझे टिप्‍पणियों के माध्‍यम से सुझाव देवें *