Tuesday, February 19, 2008

साहेब बंदगी साहेब


विश्व विख्यात ग्राम दामाखेडा कबीर दास जी के वंशजो मे छ्त्तीसगढ मे कबीर धाम जिला जिसका नाम कवर्धा था ,से कबीर धर्म का प्रचार प्रसार का केन्द्र था ! इस स्थान से कबीर दास जी के वंशज उग्रमुनि नाम साहेब ने कबीर धर्म का प्रचार किया और धर्म के प्रचार के लिये निकल गये ! जिसके बाद उन्होने सिमगा से दस कि.मी. दुर बिलासपुर मार्ग पर दामाखेडा नामक गांव को कबीर धर्म के प्रचार का केन्र्द बनाया ! दामाखेडा मे उन्होने गुरु गद्दी की स्थापना भी की ! आज इस ग्राम मे विश्व भर से लोग गुरु गद्दी का दर्शन करने हर वर्ष आते है !


उग्रमुनि नाम साहेब के बाद इस गुरु गद्दी पर गृन्‍धमुनि नाम साहेब बैठे जिसके बाद अभी वर्तमान मे प्रकाशमुनि नाम साहेब इस गुरु गद्दी पर आसिन है !

कबीर दास जी ने कहा है …..आल्हम दुनी सवै फ़िरी खोजी ,हरि बिन सकल अयाना !
छह दरसन छय नवै पाखण्ड ,आकुल्ह बिनु हूं न जाना !!

जिस युग मे कबीर दास जी ने जन्म लिया वह युग धार्मिक जटिलता का युग था !कबीर दास जी समाज के सजग प्रहरी थे .

हर वर्ष बसंत पंचमी से इस मेले का प्रारंभ होता है .इसे संत समागम मेला कहा जाता है .इस मेले कबीर धर्म के संतो एंव अनुयायियो को लाखो की संख्या मे देखा जा सकता है ! इस मेले मे बीस प्रान्तो से लोग आते है इतना ही नही इस समय गुरु गद्दी का दर्शन करने के लिये अन्य देशो से भी कबीर धर्म के अनुयायी यहां इकठ्ठा होते है


विश्व विख्यात कबीर धर्म के चलते आज छत्तीसगढ को भी विश्व मे लोग जानने लगे है !इस धर्म नगरी मे जब साहेब की चौका आरती होती है तब हजारो की संख्या मे दीप प्रज्वलित की जाती है जिसका द्रिश्य बडा ही मनोरम होता है

इस पावन धरा पर आकर ही एक आन्दन की अनुभुति हो जाती है कबीर दास जी के विचारो को अपने अन्तर मन मे बसाने के लिये ग्राम दामाखेडा बडा ही अनुकुल स्थान है


दामाखेडा जाने के लिये
थल मार्ग ….रायपुर से बिलासपुर की ओर रायपुर से साठ कि.मी.
वायु मार्ग निकटतम विमान स्थल माना (रायपुर )

5 comments:

Sanjeet Tripathi said...

बहुत बढ़िया करेस गा जऊन दामाखेड़ा के जानकारी ला दे हस इहां!!

एक बार भी जाना नही हुआ है दामाखेड़ा पर जाऊंगा जरुर!!

anuradha srivastav said...

रोचक जानकारी..........

36solutions said...

यशश्वी भव पुत्र, हि्न्दी ब्लागजगत की प्रतिष्ठा को कायम रखते हुए । भाव एवं शव्दों में सामज‍स्य बनाते हुए आगे बढो । मेरी लेखनी का आरंभ सिमगा में पत्रकारिता से ही हुआ है ।

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप तक संजीत त्रिपाठी के सौजन्य से पहुँचा हूँ। आप का ब्लॉग महत्वपूर्ण है। काम चलाए रखिए।

Abhishek Sahu said...

Saheb bandagi saheb

* आपका स्‍वागत है, कृपया मुझे टिप्‍पणियों के माध्‍यम से सुझाव देवें *